Ayurvedic Remedies for Gas trouble : पेट की गैस को दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय

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 gas abdomen
उदर-वायु एक आम तथा कभी न कभी हर किसी को होने वाली समस्या है। आयुर्वेद में  पेट गैस को अपांनवायु या  अधोवायु बोलते हैं। इसका मूल कारण जठराग्नि का असंतुलन होना  है।  पेट में वायु की विकृति से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। :

सामान्य कारण

पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे:

  • बैक्टीरिया का पेट में ओवरप्रोडक्शन होना
  • मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें, जंक फूड  ज्यादा खाने से
  • पाचन संबधी विकार (कमजोर जठराग्नि)
  • विरुद्ध आहार का सेवन : बींस, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को दूध या भूख से ज्यादा खाने से। खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक लेने से क्योंकि इसमें गैसीय तत्व होते हैं। इसके साथ बासी खाना खाने से और खराब पानी पीने से भी गैस हो जाती है।
  • समय पर भोजन न करना
  • आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार विरुद्ध आहार विहार के कारण अपक्व रस या आम (भोजन का सड़ना) बनता है, जो गैस का कारण बनता है।

आयुर्वेद उपचार व बचाव

आयुर्वेद में जठराग्नि को प्रधान अग्नि माना गया है। अतः उन कारणो का त्याग करें जिनसे जठराग्नि में विकृति या विषमता आती है। सही समय पर, सही भोज्य पदार्थों को ही ग्रहण करें ।
काला नमक, जीरा, सोंठ, काली मिर्च, पिप्पली, अजवायन आदि औषधियाँ अग्नि को ठीक करने में सहायक हैं। इसके अतिरिक्त वैद्य की सलाह से हिंगवासटक चूर्ण, अभयारिस्ट, शंख भस्म, महाशंख वटी आदि औषधियों का प्रयोग भी गैस की समस्या में किया जा सकता है। इन औषधि द्रव्यों को अनुलोमक या वातानुलोमक कहा जाता है।

घरेलू उपचार

  • 1/2 चम्मच सूखा अदरक पाउडर [सौंठ] लें और उसमें एक चुटी हींग और सेंधा नमक मिला कर एक कप गरम पानी में डाल कर पीएं।
  •  गैस के कारण सिर दर्द होने पर चाय में पिसी कालीमिर्च डालें। वही चाय पीने से लाभ मिलता है।
  •  कुछ ताजा अदरक स्लाइस की हुई नींबू के रस में भिगो कर भोजन के बाद चूसने से राहत मिलेगी।
  •  पेट में या आंतों में ऐंठन होने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवायन थोड़ी दें।
  • भोजन के एक घंटे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानो को 1/2 चम्मच पानी के साथ मिला कर पिएं।
  •  भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर का प्रतिदिन सेवन करना लाभप्रद होता है। यदि उस पर काला नमक डालकर खाया जाए तो लाभ अधिक मिलता है। पथरी के रोगी को कच्चे टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।
  •  वायु समस्या होने पर हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर खाना चाहिए।
  •  अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें। बड़ों के लिए दो से छह ग्राम, खाने के तुरंत बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।
  •  अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़क कर दिन में कई बार उसका सेवन करें। गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हलका होगा और भूख खुलकर लगेगी।

योग

वज्रासन : खाने के बाद घुटने मोड़कर बैठ जाएं। दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें। 5 से 15 मिनट तक करें।
गैस पाचन शक्ति कमजोर होने से होती है। यदि पाचन शक्ति बढ़ा दें तो गैस नहीं बनेगी। योग की अग्निसार क्रिया से आंतों की ताकत बढ़कर पाचन सुधरेगा।

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